लो आग बरसी है बादलो से तमाशा तो होगा
वो हाल पूछती है पागलो से तमाशा तो होगा
जो पूछा हाल ए दिल उसने
बस चेहरा अपना दिखा दिया----------अब और बताओ क्या कहता
पूछा गुमसुम क्यों रहते हो,
पहरा अपना दिखा दिया------------अब और बताओ क्या कहता
जो पूछा क्या खाकर आये हो,
जख्म गहरा अपना दिखा दिया---------अब और बताओ क्या कहता
पूछा उसने दिल में क्या है,
सेहरा अपना दिखा दिया---------अब और बताओ क्या कहता
------------------------------------------कवि प्रभात कुमार भारद्वाज"परवाना"
1 टिप्पणी:
ab aur batao kya kehta jab likh hi diya dard seene ka ....
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