बुधवार, 28 अगस्त 2013

पूजा जिस जिस को मैंने......


पूजा जिस जिस को मैंने, परवरदिगार की तरह,
हर उस शख्स ने मुझे देखा, गुनेहगार की तरह 
दौलत भी क्या शय है, तब मालूम हुआ मुझको
जब अदालत गवाह सब बिक गए, अखबार की तरह......

रोज़ नए वादे करना, और रोज़ मुकर जाना
तुम भी पेश आ रहे हो, सरकार की तरह......

हर बार तुमसे उम्मीद, लगाता रहा ये दिल,
और तुम तोड़ती रही उम्मीद, हर बार की तरह......

तेरे ग़म की स्याही से, जब जब कुछ लिखा हमने
हर नज़र में आ गए हम, इश्तेहार की तरह .......

गुल-ओ-गुलशन से भर दिया, दामन मेरा एक पल
और फिर चले गए ठुकरा कर, किसी बहार की तरह ......



        कवि प्रभात "परवाना"
 वेबसाईट का पता:- www.prabhatparwana.com

मंगलवार, 20 अगस्त 2013

कृष्ण तुम्हे अब आना होगा......


कृष्ण तुम्हे अब आना होगा, चक्र सुदर्शन लाना होगा …

कृष्ण तुम्हे अब आना होगा,कृष्ण तुम्हे अब आना होगा ......

त्राहि त्राहि सभी दिशाए
हमें बचाओ ,सब चिल्लाये
जल्लादों की भरमार पड़ी
गौ कटने को तैयार खड़ी .........

मीठी धुन की बंसी तज कर, तुमको शस्त्र उठाना होगा
कृष्ण तुम्हे अब आना होगा, चक्र सुदर्शन लाना होगा

कंसो सा आचार हो गया
पशुओ सा व्यवहार हो गया
देखो मानव नंगा होकर
बिकने को तैयार हो गया 
 .........

भगवन तुमको रन में आकर, गीता ज्ञान सुनाना होगा
कृष्ण तुम्हे अब आना होगा, चक्र सुदर्शन लाना होगा 

देखे औलादों के खेले,
मात-पिता को घर से ठेले
गुरुजन का सम्मान नहीं है,
भगवन की पहचान नहीं है
 .........

मोहन तुमको सौं जमुना की,सब पटरी पर लाना होगा
कृष्ण तुम्हे अब आना होगा, चक्र सुदर्शन लाना होगा


        कवि प्रभात "परवाना"
 वेबसाईट का पता:- www.prabhatparwana.com