प्रेमिका:-
तुम तोड़ सितारों को, मेरी मांग सजा दो,
अम्बर में लगे चाँद को, धरती पे ला दो,
ये चाँद सितारे, सजन गर दे नहीं पाओ
फूलो पे लदी तितलियों को, घर में तो ला दो
फूलो पे लदी तितलियों को, घर में तो ला दो
प्रेमी:-
मैं तोड़ सितारों को, तेरी मांग क्यों भरू?
अम्बर में लगे चाँद को, बर्बाद क्यों करू?
जब तू नहीं मेरी कहो क्यू तेरे प्यार में,
मासूम तितलियों का भला, खून क्यों करू?
प्रेमी:-
मैं तोड़ सितारों को, तेरी मांग क्यों भरू?
अम्बर में लगे चाँद को, बर्बाद क्यों करू?
जब तू नहीं मेरी कहो क्यू तेरे प्यार में,
मासूम तितलियों का भला, खून क्यों करू?
मासूम तितलियों का भला, खून क्यों करू?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें