तेरे कर्मो का हिसाब, कौन देगा?
किसी पर सितम से पहले, सोच लेना
कल उस खुद को जवाब, कौन देगा?
आइना देखकर, इतराने वाले
ढलती उम्र में शबाब, कौन देगा?
ज़रा रौशनी में, ढूंढ लूँगा मंज़िल
इस जुगनू को आफ़ताब, कौन देगा?
आखिरी दहलीज पर बेटे, मुहँ मोड़ गए
अब उसकी चिता को आग, कौन देगा?
फिर एक दंगा चाहती है, सियासत
वरना दैरो-हरम में शराब, कौन देगा?
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