एक तिनका भी आँख में अटक जाए ना कही.....
मंजिल तक पहुँचते पहुँचते भटक जाए ना कही........
खुदा, इश्वर, अल्लाह का जग में नाम ना होता,
तो जिस्म से रूह का सफ़र यु, आसां ना होता.....
जिन्दा जिस्म में मरी मरी, धड़कन धडकती बस,
ना कही कोई दिवाली, और कही कोई रमजान ना होता...
मेरे गीत ग़ज़ल नगमे, सब सूने ही रह जाते,
गर मौजूद आपसा यहाँ, आवाम ना होता.....
---------------------कवि प्रभात कुमार भारद्वाज"परवाना"
वेबसाईट का पता:- http://prabhatkumarbhardwaj.webs.com/
2 टिप्पणियां:
बहुत ही खूबसूरत है ये कलाम...
- मनीष
everyoneis1.blogspot.com
बहुत ही खूबसूरत है ये कलाम ...
-मनीष
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