कहा से पाया है, ये खजाना बता दो ....
ये कमाल के हुनर, ज़रा हम भी सीख ले,
इश्क की नज़र से, दिल जलाना बता दो.....
धरती शितीज या आसमां , हम आ जाएंगे
तुम जहा कही भी हो, ठिकाना बता दो .....
कुछ काम पड़ गया, या मुश्किल में हूँ
घर क्या कह के निकलू, बहाना बता दो।।।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें