बुधवार, 23 जनवरी 2013

बहाना बता दो...


परियो  सा हुस्न, जागीर में नहीं मिलता 
कहा से पाया है, ये खजाना बता दो ....

ये कमाल के हुनर, ज़रा हम भी सीख ले,
इश्क की नज़र से, दिल जलाना बता दो.....

धरती शितीज या आसमां , हम आ जाएंगे
तुम जहा कही भी हो, ठिकाना बता दो .....

कुछ काम पड़  गया, या मुश्किल में हूँ 
घर क्या कह के निकलू, बहाना बता दो।।।।


        कवि प्रभात "परवाना"
 वेबसाईट का पता:- www.prabhatparwana.com


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