सोमवार, 12 मई 2014

खरीद के ला तो मानू........


बिंदिया, पाजेब, कुमकुम खरीद लाया
सच्ची ख़ुशी खरीद के ला, तो मानू .....

बदन खरीद लाया, हवस मिटाने को
दिलकशी खरीद के ला, तो मानू .....

दो चार मैकदों से, मेरा क्या होगा?
बेखुदी खरीद के ला, तो मानू .....

चाँद पर ज़मीं खरीद बैठा, पागल
चाँदनी खरीद के ला, तो मानू.....

पैसा पैसा पैसा पैसा, अरे गुरूरबाज़
ज़रा ज़िंदगी खरीद के ला, तो मानू.....


        कवि प्रभात "परवाना"
 वेबसाईट का पता:-  www.prabhatparwana.com

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