जीवन में रंग भर दो, आँखों के तूल से तुम,
गम दिल के सब मिटा दो, हँसी के फूल से तुम
हारा था जिंदगी से, बस तुम ही एक किरण हो,
ना चाहिए विरासत, एक तुम ही मेरा धन हो
दुनिया मेरी बसा दो, चरणों की धूल से तुम
जीवन में रंग भर दो, आँखों के तूल से तुम,
हो तुम ही मेरी देवी, हो तुम ही मेरा जीवन
तुम्हारी खातिर कर दू, मै अपना सब कुछ अर्पण
कमियाँ मेरी भुला दो,जी खुद की भूल से तुम
जीवन में रंग भर दो, आँखों के तूल से तुम,
जीवन में रंग भर दो, आँखों के तूल से तुम,
गम दिल के सब मिटा दो, हँसी के फूल से तुम
प्रभात कुमार भारद्वाज"परवाना"
1 टिप्पणी:
very nice well said
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