शनिवार, 15 अक्तूबर 2011

मै तेरी बेवफाई के सबूत तोड़ के आया हूँ

मत सोच मै दुनिया छोड़ के आया हूँ
मत सोच राह तेरी तरफ मोड़ के आया हूँ
देख ध्यान से उन टूटे कांचो की तरफ
मै तेरी बेवफाई के सबूत तोड़ के आया हूँ
जिस दिल पर तुने रच डाले थे, महल अनोखे प्यार के
कभी चाहत के टीले, कभी कंगूरे इकरार के
जरा देख तो मुड़ उन राहो पर, मै उन भवनों को ही फोड़ के आया हूँ
मै तेरी बेवफाई के सबूत तोड़ कर आया हूँ..........
दबा रखा था तुने मुझको एक अनजानी गहराई में
शय मात का खेल समेटा तुने अपनी ढाई में
कब्र खोद के देख ले जाना, ताबूत तोड़ कर आया हूँ
मै तेरी बेवफाई के सबूत तोड़ कर आया हूँ ..................
मै तेरी बेवफाई के सबूत तोड़ कर आया हूँ .......................


प्रभात कुमार भारद्वाज"परवाना"


3 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

Kya bat hai sir lagata hai aap ne bhi kisi bewafa se dil lagane ki khata ki hai.

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

wah-wah|| kya bat hai
laajavab...

groupshreenath ने कहा…

totne par bhi na bhul paya hu
me teri bewafai ko yaad kar aaya hu
duaa he khuda se kisi or ko na mile ye
ye dua me jod aaya hu
chali ja mere aagosh se
chali ja mere dilo dimag se
me teri fijaye chod aaya hu
teri bewafai ke sabut tod kar aaya hu