खुश होकर सौगात लायी है वो
अपनी आदत से बाज ना आई है वो,
खबर दी किसी ने उसे परवाना हूँ मै,
मुझे जलाने को आग लायी है वो...
कोई दिखा दे उसे "प्रभात-इ-नूर जी
मुझे डराने को आफताब लायी है वो..
कब्र पर आने का वादा तोड़ ना सकी..
पर गैर कोई ख़ास साथ लायी है वो
नाम क्या क्या रख दिए मैंने भी शौक में
गम, दर्द ,तन्हाई और बेवफाई है वो..
मर गया मै उस दिन जब पता ये चला
मातम में बजती शहनाई है वो..
प्रभात कुमार भारद्वाज"परवाना"
अपनी आदत से बाज ना आई है वो,
खबर दी किसी ने उसे परवाना हूँ मै,
मुझे जलाने को आग लायी है वो...
कोई दिखा दे उसे "प्रभात-इ-नूर जी
मुझे डराने को आफताब लायी है वो..
कब्र पर आने का वादा तोड़ ना सकी..
पर गैर कोई ख़ास साथ लायी है वो
नाम क्या क्या रख दिए मैंने भी शौक में
गम, दर्द ,तन्हाई और बेवफाई है वो..
मर गया मै उस दिन जब पता ये चला
मातम में बजती शहनाई है वो..
प्रभात कुमार भारद्वाज"परवाना"