रविवार, 18 मार्च 2012

तारीफ-ए-कातिल........


हुस्न शमशीर
नैनो में तीर

खंजर हँसी
अधरों पे नीर

योवन का छल
मानो प्रबल

बलखाती चाल
अदा की ढाल

वाणी कहर
मीठा जहर

माना मिटजाना हर परवाने का साहिल होता है,
पर ऐसी शमा का साथ भी दुआओं से हासिल होता है

------------------------------कवि प्रभात कुमार भारद्वाज"परवाना"



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