खौले से लहू का जाम आया है
नयी हवा का एक सलाम आया है
दर दर की ठोकरों में है ये देश साथियो
उसे उठाने एक कलाम आया है...
बेचता था जो कभी अखबार दोस्तों,
आज अखबारों में उसका नाम आया है.....
मन की लगन विश्वास और कर्म ही कहो
वो राष्ट्रपति के पद के काम आया है....
हूँ"प्रभात"साथ तेरे थाम लूँगा हाथ
कलाम जी का ये पैगाम आया है
दर दर की ठोकरों में है ये देश साथियो,
उसे उठाने एक कलाम आया है...उसे उठाने एक कलाम आया है......
प्रभात कुमार भारद्वाज"परवाना"
नयी हवा का एक सलाम आया है
दर दर की ठोकरों में है ये देश साथियो
उसे उठाने एक कलाम आया है...
बेचता था जो कभी अखबार दोस्तों,
आज अखबारों में उसका नाम आया है.....
मन की लगन विश्वास और कर्म ही कहो
वो राष्ट्रपति के पद के काम आया है....
हूँ"प्रभात"साथ तेरे थाम लूँगा हाथ
कलाम जी का ये पैगाम आया है
दर दर की ठोकरों में है ये देश साथियो,
उसे उठाने एक कलाम आया है...उसे उठाने एक कलाम आया है......
प्रभात कुमार भारद्वाज"परवाना"
3 टिप्पणियां:
bahut hi shandar rachna hai mere dost.......
ham sab is muhim me sath hai......
KALAAM sir ko SALAAM.....
JAI BHARAT......
KALAM KO SALAM !
JAI KALAAM, JAI KALAM.
एक टिप्पणी भेजें