सोमवार, 25 अप्रैल 2011

तुम फूलो में हो तुम सावन में हो...

तुम फूलो में हो तुम सावन में हो,
मेरे दिल का बगीचा सारा ही खाली, नाचती मोरनी सी आँगन में हो,
तुम फूलो में हो तुम सावन में हो,
आज कान्हा गए है बरसाने राधे ,
पता ये चला है,तुम वृन्दावन में हो,
तुम फूलो में हो तुम सावन में हो
तुम धरा की हो देवी हो नभ की हवा
तुम समंदर में हो आग पावन में हो
तुम फूलो में हो, तुम सावन में हो
क्यों ना आये ये दिल अब उसी चाँद पर,
वो चाँद वो तारे जिसके दामन में हो
तुम फूलो में हो, तुम सावन में हो
मेरे दिल का बगीचा सारा ही खाली, नाचती मोरनी सी आँगन में हो,
तुम फूलो में हो, तुम सावन में हो


प्रभात कुमार भारद्वाज"परवाना"


2 टिप्‍पणियां:

Learn By Watch ने कहा…

बहुत सुन्दर लिखा है आपने,
पर आप सही टैग का प्रयोग नहीं कर रहे हैं, टैग के बारे में जानने के लिए यह लेख पढ़ें

अब कोई ब्लोगर नहीं लगायेगा गलत टैग !!!
पाठकों पर अत्याचार ना करें ब्लोगर

संजय भास्‍कर ने कहा…

कोमल भावों से सजी ..
..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती