वो पैसे के पीछे भागी
मै उसके पीछे भागा
मेरे अपने मेरे पीछे भागे
और अपनों के पीछे कुछ गैर
पर खुदा का खेल देखो
उसे पैसा मिल गया
गैरो को वो मिल गयी
मेरे अपनों को दुनिया मिल गयी
अकेला रह गया तो सिर्फ और सिर्फ मै
तभी मेरी तन्हाई मुझसे लिपट कर बोली
तू अकेला नहीं है पगले, मै तेरे साथ हू"
""वादा है कभी हाथ ना छोडूंगी
मरकर भी देख ले, साथ न छोडूंगी"
3 टिप्पणियां:
tanhaai kuchh aisi hi hoti hai...mehfil mein bhi akelapan mehsooos hota hai.....
क्या खूब सच्चाई को बयां किया है__ इस जहां में लालच बहुत है यार
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